राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि विकास योजनाओं और कर्मचारियों के वेतन तक के लिए जब बिहार केंद्रीय सहायता और कर्ज से प्राप्त राशि पर पूरी तरह निर्भर है, तब जदयू अध्यक्ष ललन सिंह किस झूठ पर गाल बजा रहे हैं?
गुरुवार को जदयू ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को मुंगेर सीट से ललन सिंह के खिलाफ लाेकसभा चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। इस पर सुशील मोदी ने कहा कि मुंगेर में ललन सिंह को हराने के लिए हमें बिहार के बाहर के किसी प्रत्याशी की जरूरत नहीं, बल्कि भाजपा के टिकट पर सामान्य कार्यकर्ता भी उनका अहंकार तोड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि जिस नल-जल योजना का दंभ भरा जा रहा है, उसे बिहार को केंद्रीय करों में प्राप्त हिस्सेदारी और 15वें वित्त आयोग की सिफारिश पर मिली धनराशि से पूरा किया गया है।यही नहीं, बख्तियारपुर-मोकामा, सिमरिया-खगडिया में एक लाख करोड़ की केंद्रीय योजना के तहत बनने वाली 4-लेन/ 6-लेन सड़कें भी नहीं दिखतीं। ये सड़कें ललन सिंह के संसदीय क्षेत्र से गुजरती हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार बिहार में आठ नये मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रही है और मोकामा में गंगा पर राजेंद्र सेतु के समानान्तर महासेतु बन रहा है। क्या यह केंद्र सरकार का योगदान नहीं है?
बिहार सरकार का कुल बजट 2.61 लाख करोड़ का है। इसमें राज्य सरकार के राजस्व संग्रह का योगदान मात्र 53000 करोड़, यानी 25 फीसद है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 8,350 करोड़ की लागत से बरौनी कारखाने का आधुनिकीकरण कर यूरिया का उत्पादन फिर से शुरू कराया।